Bollywood Gossip बहाना, मकसद झूठ फैलाना ?
सलमान खान और सोनाक्षी सिन्हा की फोटो को एडिट कर इस गलत दावे से शेयर किया जाता है कि दोनों की शादी हो गई है.
ऐसा ही दावा सलमान की करिश्मा कपूर के साथ एडिटेड फोटो शेयर करते हुए भी होता है.
IPL फाइनल में गुजरात टाइटंस की हार हुई, तो फेक न्यूज फैलाने वालों ने ये बेतुका दावा करना शुरू कर दिया कि अब सचिन तेंदुलकर ने अपनी बेटी सारा की शादी शुभमन गिल की बजाए किसी और से कर दी.
आमिर खान की एक कार्यक्रम की तस्वीर शेयर कर ये झूठा दावा कर दिया गया कि उन्होंने धर्म परिवर्तन कर लिया है.
रवीना टंडन की अक्षय कुमार के साथ तस्वीरें शेयर कर दावा किया गया कि वो शादी करने जा रही हैं. असल में ऐसी कोई खबर मीडिया में नहीं है और सबसे जरूरी बात – रवीना की शादी 19 साल पहले हो चुकी है और अब भी बरकरार है.
शाहरुख खान के बेटे आर्यन और उद्योगपति मुकेश अंबानी की पत्नि नीता अंबानी से जुड़े बेतुके भ्रामक दावों की भी सोशल मीडिया पर भरमार है.
बिना डॉयलॉग बोले हमें हंसाने वाले मिस्टर बीन को भी लोगों ने नहीं छोड़ा. आए दिन मिस्टर बीन का किरदार निभाने वाले रोवन एटकिंसन की मौत की झूठी खबर सोशल मीडिया पर फैलाई जाती है.
इंडिया न्यूज
- फॉलोवर: 1.4 लाख
- लाइक्स: 39 हजार
- शुरुआत: 8 जून 2018
न्यूज ऑफ इंडिया
- फॉलोवर: 3.3 लाख
- लाइक्स: 2.99 लाख
- शुरुआत: 31 मार्च 2017
भारतीय
- फॉलोवर: 55 हजार
- लाइक्स: 48 हजार
- शुरुआत: 25 अप्रैल 2017
इंडिया न्यूज
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न्यूज ऑफ इंडिया
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सेलिब्रिटीज से जुड़ी फेक न्यूज फैलाने वाले सक्रिय फेसबुक पेजों के काम करने के तरीके को समझेंगे. पर उससे पहले एक जरूरी पहलू पर नजर डालते हैं.
ये पहलू है मेंटल हेल्थ.
आखिर किस मानसिक स्थिति में आकर आप बॉलीवुड गॉसिप के नाम पर वायरल हो रही फेक न्यूज का शिकार होते हैं?
20 साल से बतौर मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट काम कर रहीं डॉ. श्रद्धा मलिक बताती हैं कि ऐसा कंटेंट कंज्यूम करने के पीछे मेंटल हेल्थ एक जरूरी फैक्टर होता है.
इसके पीछे डॉ. श्रद्धा तीन बड़ी वजह बताती हैं.
अब ये फेसबुक पेज कैसे आपको फेक न्यूज के जाल में फंसाते हैं ? समझने के लिए ये वीडियो देखिए.
सेलिब्रिटीज से जुड़ी फेक न्यूज फैलाने वाले सक्रिय फेसबुक पेजों के काम करने के तरीके को समझेंगे. पर उससे पहले एक जरूरी पहलू पर नजर डालते हैं.
ये पहलू है मेंटल हेल्थ.
आखिर किस मानसिक स्थिति में आकर आप बॉलीवुड गॉसिप के नाम पर हो रही फेक न्यूज का शिकार होते हैं?
20 साल से बतौर मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट काम कर रहीं डॉ. श्रद्धा मलिक बताती हैं कि ऐसा कंटेंट कंज्यूम करने के पीछे मेंटल हेल्थ एक जरूरी फैक्टर होता है.
इसके पीछे डॉ. श्रद्धा तीन बड़ी वजह बताती हैं.
अब ये फेसबुक पेज कैसे आपको फेक न्यूज के जाल में फंसाते हैं ? समझने के लिए ये वीडियो देखिए.
इससे पहले कि आप ये सोचें कि ये कोई ऐसी वेबसाइट्स हैं जो अपने बेवकूफाना कंटेंट के साथ इंटरनेट के किसी कोने में हैं और कोई इन्हें देखता नहीं. तो आपको बता दें कि लाखों लोग इन फेसबुक पोस्ट्स के जरिए इन वेबसाइट्स तक पहुंचते हैं. ये देखिए...
इन वेबसाइट्स का सिर्फ कंटेंट ही फैक्चुअली गलत नहीं होता, बल्कि वेबसाइट पर एडिटोरियल टीम के सेक्शन में जिन लोगों के नाम लिखे हैं. उनमें से कोई सचमुच वेबसाइट के लिए काम करता भी है या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है.
वेबसाइट पर शुभम तिवारी नाम के शख्स को इसका को-फाउंडर बताया गया है. हमने जब सोशल मीडिया के जरिए उनसे संपर्क किया तो, उन्होंने वेबसाइट पर पब्लिश होने वाले भ्रामक कंटेंट के बारे में पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया.
वेबसाइट पर फहद अली खान नाम के शख्स को न्यूज एडिटर बताया गया है. जब हमने उनसे संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि ना तो वो वेबसाइट के लिए काम करते हैं. न ही इससे पहले उन्होंने कभी किया है.
इससे पहले कि आप ये सोचें कि ये कोई ऐसी वेबसाइट्स हैं जो अपने बेवकूफाना कंटेंट के साथ इंटरनेट के किसी कोने में हैं और कोई इन्हें देखता नहीं. तो आपको बता दें कि लाखों लोग इन फेसबुक पोस्ट्स के जरिए इन वेबसाइट्स तक पहुंचते हैं. ये देखिए...
इन वेबसाइट्स का सिर्फ कंटेंट ही फैक्चुअली गलत नहीं होता, बल्कि वेबसाइट पर एडिटोरियल टीम के सेक्शन में जिन लोगों के नाम लिखे हैं. उनमें से कोई सचमुच वेबसाइट के लिए काम करता भी है या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है.
वेबसाइट पर शुभम तिवारी नाम के शख्स को इसका को-फाउंडर बताया गया है. हमने जब सोशल मीडिया के जरिए उनसे संपर्क किया तो, उन्होंने वेबसाइट पर पब्लिश होने वाले भ्रामक कंटेंट के बारे में पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया.
वेबसाइट पर फहद अली खान नाम के शख्स को न्यूज एडिटर बताया गया है. जब हमने उनसे संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि ना तो वो वेबसाइट के लिए काम करते हैं. न ही इससे पहले उन्होंने कभी किया है.
हमने इन फेसबुक पेजों / वेबसाइट के एडमिन से संपर्क करने की कोशिश की पर कोई जवाब नहीं मिला. Gyansankhya.com वेबसाइट के संस्थापक शुभम तिवारी से हमारा संपर्क हुआ, लेकिन वेबसाइट पर पब्लिश होने वाले कंटेंट को लेकर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
20 साल से एंटरटेनमेंट कवर कर रहे पत्रकार रोहित खिलनानी कहते हैं कि ''मशहूर हस्तियों से जुड़ी कोई गलत खबर आप कंज्यूम ना करें उसके लिए एक नॉर्मल चेक लिस्ट फॉलो की जा सकती है.
ध्यान रखें कि खबर आपको न्यूज वेबसाइट से ही मिलेगी, गॉसिप वेबसाइट से गॉसिप ही मिलेगा.
इसलिए जो कंटेंट आप कंज्यूम कर रहे हैं उसमें ये फिल्टर जरूर लगाएं कि जिस प्लेटफॉर्म पर देख रहे हैं वो विश्वसनीय है या नहीं.
एंटरटेनमेंट की खबरों में पाठक अक्सर यहीं चूक करते हैं कि वो विश्वसनीय प्लेटफॉर्म और अविश्वसनीय प्लेटफॉर्म के बीच फर्क नहीं करते. ''
इन तरीकों से खुद भी पता लगा सकते हैं ऐसी फेक न्यूज का सच
अगर आप चाहते हैं कि हम ऐसे किसी दावे की पड़ताल करें, तो भेजिए. हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी WEBQOOF@THEQUINT.COM पर
20 साल से एंटरटेनमेंट कवर कर रहे पत्रकार रोहित खिलनानी कहते हैं कि ''मशहूर हस्तियों से जुड़ी कोई गलत खबर आप कंज्यूम ना करें उसके लिए एक नॉर्मल चेक लिस्ट फॉलो की जा सकती है.
ध्यान रखें कि खबर आपको न्यूज वेबसाइट से ही मिलेगी, गॉसिप वेबसाइट से गॉसिप ही मिलेगा.
इसलिए जो कंटेंट आप कंज्यूम कर रहे हैं उसमें ये फिल्टर जरूर लगाएं कि जिस प्लेटफॉर्म पर देख रहे हैं वो विश्वसनीय है या नहीं.
एंटरटेनमेंट की खबरों में पाठक अक्सर यहीं चूक करते हैं कि वो विश्वसनीय प्लेटफॉर्म और अविश्वसनीय प्लेटफॉर्म के बीच फर्क नहीं करते. ''
इन तरीकों से खुद भी पता लगा सकते हैं ऐसी फेक न्यूज का सच
अगर आप चाहते हैं कि हम ऐसे किसी दावे की पड़ताल करें, तो भेजिए. हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी WEBQOOF@THEQUINT.COM पर
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क्रिएटिव डायरेक्टर
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सीनियर एडिटर
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