

नितिन गडकरी
बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री हैं. सितंबर 2017 में उन्हें जल संसाधन...
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राजन आनंदन
राजन आनंदन भारत और दक्षिण-पूर्वी एशिया में गूगल के वाइस प्रेसिडेंट हैं. ग्लोब के इस हिस्से में गूगल के सेल्स और ऑपरेशंस की जिम्मेदारी राजन के कंधों पर है...
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राघव बहल
राघव बहल देश के जाने-माने एंटरप्रेन्योर और इन्वेस्टर हैं, जिनके नाम कई बेमिसाल कामयाबियां दर्ज हैं...
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अनंत गोयनका
अनंत गोयनका इंडियन एक्सप्रेस के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं. उनके कार्यकाल में भारत के इस प्रतिष्ठित अखबार समूह ने इंटरनेट की दुनिया में बड़ी छलांग लगाई है...
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वीरेंद्र गुप्ता
2007 में वीरेंद्र गुप्ता ने एक मोबाइल वैल्यू एडेड सर्विस कंपनी 'वर्स इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड के तौर पर अपने कारोबार की शुरुआत की...
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रितु कपूर
रितु कपूर The Quint की को-फाउंडर और सीईओ हैं. वो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित रायटर्स इंस्टीट्यूट फॉर स्टडी ऑफ जर्नलिज्म और वर्ल्ड ...
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जयवीर नेगी
जयवीर नेगी भारत में गूगल के ऑनलाइन पार्टरशिप बिजनेस के हेड हैं. जयवीर के नेतृत्व में गूगल ने AdSense और AdWords पर कई भारतीय भाषाओं के...
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अरविंद पानी
रेवरी लैंग्वेज टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के सह संस्थापक अरविंद पानी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्थानीय भाषाओं के बीच दूरियां कम करने और भाषाई बराबरी का मकसद...
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चेतन कृष्णस्वामी
चेतन कृष्णस्वामी गूगल की पब्लिक पॉलिसी निर्देशक हैं. पॉलिसीमेकर्स, कारोबार जगत से जुड़े लोगों और सिविल सोसाइटी के साथ मिलकर चेतन इंटरनेट को एक ऐसी जगह बनाने में लगे हुए हैं...
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अंकुश सचदेवा
अंकुश सचदेवा सोशल नेटवर्क शेयरचैट के सह-संस्थापक हैं. उन्होंने 2014 में आईआईटी कानपुर के दो साथियों के साथ बैंगलोर में इस कंपनी की शुरुआत की थी...
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सौरभ गुप्ता
सौरभ गुप्ता vernacular.ai के सह-संस्थापक हैं. 2016 में शुरू हुआ यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी की सहायता से...
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सोनम कालरा
सोनम कालरा अवॉर्ड विनिंग सिंगर और कंपोजर हैं, जिन्होंने शास्त्रीय और पश्चिमी संगीत को कायदे से सीखा है. 2011 से सोनम 'सूफी गोस्पल' नाम के प्रोजेक्ट में जुटी हुई हैं...
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भारत में इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं के यूजर्स ने अंग्रेजी भाषा के यूजर्स को तादाद के लिहाज से कब का पछाड़ दिया है. आज भारत में लगभग 234 मिलियन यूजर भारतीय भाषाओं में इंटरनेट से जानकारी हासिल कर रहे हैं, जबकि इंग्लिश यूजर की तादाद 175 मिलियन के आस-पास है. स्मार्टफोन और डेटा पैक के सस्ते होने की वजह से इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं के यूजर की तादाद तेजी से बढ़ी है. 2021 तक भारत के साइबर स्पेस में 75 फीसदी हिस्सा भारतीय भाषाओं के यूजर के कब्जे में चला जाएगा.
इसका मतलब है कि आने वाले पांच साल में हर 10 में से 9 नए इंटरनेट यूजर भारतीय भाषाओं के होंगे.
एक ऐसे देश में, जो इंटरनेट यूजर के लिहाज से दुनिया का दूसरा बड़ा देश है, ये आंकड़े बिजनेस के ढांचे में बड़े बदलाव की तरफ इशारा करते हैं. बदली हुई परिस्थियों में यह सवाल पीछे छूट गया है कि भारतीय भाषाओं का इस्तेमाल कारोबार के लिए क्यों किया जाना चाहिए. आज के दौर का अन्य सवाल है कि कारोबार के लिए भारतीय भाषाओं का इस्तेमाल कैसे किया जाए.
क्विंट हिंदी और गूगल की मेजबानी में हो रहा BOL एक ऐसा आयोजन है, जिसमें बाजार और भारतीय भाषाओं के बीच संबंधों को समझने की कोशिश की जाएगी. इस आयोजन का उद्देश्य है कि कारोबार जगत, मीडिया, और पब्लिशिंग इंडस्ट्री से जुड़ों बेहतरीन दिमागों को एक मंच पर लाया जाए और इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं के इस्तेमाल में आई विस्फोटक तेजी को समझा जा सके. पैनल डिस्कसन से लेकर फायरसाइड चैट तक, आपको उन लोगों को सुनने का मौका मिलने जा रहा है, जो इस बदलाव का हिस्सा हैं. एक पूरा दिन आपको भारत में इंटरनेट और उससे जुड़ी अर्थव्यवस्था पर आंखें खोल देने वाली जानकारियों से लबरेज कर देगा. आप भी इस दिलचस्प बातचीत का हिस्सा बनिए. हमें आपका इंतजार रहेगा.