बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार 24 अगस्त को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. वे कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे.
एम्स की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक जेटली का निधन 24 अगस्त को दिन में 12 बजकर 7 मिनट पर हुआ.
सांस लेने में दिक्कत और बेचैनी की शिकायत के बाद जेटली को 9 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था. सीनियर डॉक्टरों की एक मल्टीडिसिप्लिनरी टीम जेटली का ट्रीटमेंट कर रही थी.
इससे पहले आई खबरों के मुताबिक 66 साल के जेटली को एक्स्ट्रा कॉरपोरल मेंब्रेन ऑक्सीजेनेशन (ईसीएमओ) पर रखा गया था. इस पर उन्हीं मरीजों को रखा जाता है, जिनका फेफड़ा और दिल काम नहीं कर पाता.
पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में जेटली ने वित्त मंत्रालय संभाला था. इसके बाद उन्होंने वित्त और रक्षा मंत्रालय दोनों की जिम्मेदारी संभाली थी.
2014 के सितंबर महीने में उन्होंने अपना वजन घटाने के लिए बेरियेट्रिक सर्जरी कराई थी. जेटली लंबे समय से हाई डाइबिटिक कंडीशन से जूझते रहे हैं.
पिछले साल 14 मई को जेटली के गुर्दे ट्रांसप्लांट किए गए थे. इसके बाद पीयूष गोयल ने उनका मंत्रालय संभाला था. अप्रैल, 2018 के बाद उन्होंने मंत्रालय जाना बंद कर दिया था. इसके बाद वह 2018 में फाइनेंस मिनिस्टर के तौर पर लौटे थे.
अपनी बीमारी की वजह से जेटली ने 2019 का चुनाव भी नहीं लड़ा था. इसके बाद उनकी हालत लगातार खराब होती गई.
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