प्यार में इंसान क्या नहीं कर जाता! एक ऐसी ही दिल को छू लेने वाली कहानी है रूपा और पी.के. रतन की, जिन्होंने यूके में हुए वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स 2019 में ट्रांसप्लांटेड कपल के तौर पर देश का प्रतिनिधित्व किया. वो ऐसा करने वाले पहले भारतीय कपल हैं.
करीब 9 साल पहले पी.के. रतन लिवर की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे. मेदांता के लिवर ट्रांसप्लांट और रिजनरेटिव मेडिसिन के चेयरमैन डॉ अरविंदर सिंह सोइन बताते हैं:
उस वक्त कंडिशन ये थी कि बिना लिवर ट्रांसप्लांट के पी.के. रतन के तीन या चार महीने से ज्यादा जीने की उम्मीद नहीं थी.
लिवर ट्रांसप्लांट के अलावा और कोई विकल्प नहीं था, उनकी पत्नी रूपा अपना लिवर डोनेट करना चाह रही थीं और वो मैच भी हो गया.
साल 2011 में रूपा ने अपना आधा लिवर डोनेट किया और डॉ सोइन ने लिवर ट्रांसप्लांट किया.
इस वीडियो में डॉ सोइन कहते हैं,
“ट्रांसप्लांट सक्सेसफुल होने के बाद इंसान क्या नहीं कर सकता है और डोनर भी नॉर्मल जिंदगी जी सकता है.”
प्रवीण अपना अनुभव शेयर करते हुए बताते हैं, "ट्रांसप्लांट के बाद मेरी हेल्थ इतनी इम्प्रूव हो गई कि मुझे लगा अब मैं बेड पर न लेटा रहूं, मैंने ग्राउंड पर जाना शुरू कर दिया. मैंने स्पोर्ट्स में भी हिस्सा लेना शुरू किया."
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